प्रधान मंत्री का माध्यमिक के स्टूडेंट्स को मिलीं सलाह, खुद को चैलेंज करो और स्ट्रेस मत लो

प्रधान मंत्री का माध्यमिक के स्टूडेंट्स को मिलीं सलाह, खुद को चैलेंज करो और स्ट्रेस मत लो

नरेंद्र मोदी ने माध्यमिक के छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और परीक्षा के बारे में उन्हें काफी कुछ बताया।

 

Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी वार्षिक परीक्षा पर चर्चा के आठवें संस्करण के प्रसारण के दौरान पोषण दबाव पर नियंत्रण और नेतृत्व जैसे कई मुद्दों पर छात्रों के साथ बातचीत की। दरअसल यह संस्करण हर साल प्रधानमंत्री के द्वारा माध्यमिक के छात्र-छात्राओं को मोटिवेशन देने के लिए और परीक्षा के दबाव से उन्हें मुक्त रखने के लिए आयोजित किया जाता है। तो आईए जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार विद्यार्थियों को क्या सलाह दी।

 

ज्ञान और परीक्षा दो अलग अलग चीज

 

नरेंद्र मोदी ने माध्यमिक के छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और परीक्षा के बारे में उन्हें काफी कुछ बताया। उन्होंने कहा की ज्ञान और परीक्षा दो बिल्कुल अलग चीज होती हैं, परीक्षा को जीवन का सब कुछ नहीं समझना चाहिए। देशभर के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से आए छात्रों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों पर लिमिटेशन नहीं लगाना चाहिए और उन्हें अपनी रुचियां को तलाशने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह अपने समय का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करें और रूटिंग बनाकर उसका सही उपयोग करें। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि अपने समय पर नियंत्रित रखना बहुत इंपॉर्टेंट है, अपने जीवन पर नियंत्रित रखें वर्तमान में जिए पॉजिटिव सोचें, विकास के लिए पोषण करें जैसे मुद्दों पर बात की। छात्रों ने उनसे कई टॉपिक्स पर सवाल भी पूछे।

 

पेरेंट्स को भी दी सलाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 35 बच्चों को नई दिल्ली स्थित सुंदर नर्सरी ले गए और वहां उनसे बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिभावकों यानी कि पेरेंट्स से भी आग्रह किया कि वह अपने बच्चों को दिखावे के लिए आदर्श के रूप में इस्तेमाल न करें उन्होंने कहा कि उन्हें दूसरों से उनकी तुलना नहीं करनी चाहिए बल्कि उनका सपोर्ट करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अच्छी नींद के महत्व पर भी प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को यह नहीं सोचना चाहिए कि यदि वे अच्छे अंक नहीं लाएंगे तो उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के दबाव को इस तरह से संभालना चाहिए जैसे बल्लेबाज स्टेडियम में दर्शकों के शोर के बीच कंसंट्रेटेड रहते हैं। उन्होंने कहा की बाउंड्री की मांग को अनदेखा करते हुए अगले गेंद पर ध्यान केंद्रित करते हैं वैसे ही छात्र-छात्राओं को भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और परीक्षाओं के दबाव में ना आने को कहा गया इसके अलावा उन्होंने कहा कि खुद को चुनौती देना चाहिए और हमेशा अपने पिछले रिजल्ट से बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए।